Month: June 2023

स्वदेशी तकनीकी ज्ञान के माध्यम से प्राकृतिक पर्यावरण की शिक्षा तथा सतत विकास अभ्यास की अभिप्रेरणा

स्वदेशी तकनीकी ज्ञान या पारंपरिक ज्ञान किसी भी समुदाय में मूलतः स्थानीय और ग्रामीण रूप का होता है। स्वदेशी तकनीकी ज्ञान का स्रोत हमारे पूर्वज हैं जिन्होंने अपने पिछले अनुभवों…

सीकर जिले वर्ष 1970 से 2010 में कृषि भूमि उपयोग के स्वरूप में बदलावों का अध्ययन

आदिकाल से ही कृषि मानव का प्रमुख व्यवसाय रहा है। मानव अपनी सभ्यता के विकास के साथ-साथ अपने अनुभवां एवं नवसृजित तकनीकों व प्रौधोगिकी के प्रयोग से कृषि के प्रकार,…

माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में समायोजन का तुलनात्मक अध्ययन

किषोरावस्था के विद्यार्थियों में समायोजन एक प्रक्रिया है जिससे वह अपनी जीवन षैली और षैक्षणिक प्रक्रियाओं में सामजस्य स्थापित करता है। माध्यमिक स्तर के सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के…

ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के बालकों व बालिकाओं में निर्णय क्षमता का अध्ययन करना

शिक्षा मनुष्य के सामान्य व्यवहार के साथ-साथ विशिष्ट व्यवहार को भी सर्वोत्तम ढ़ंग से सम्पादित करती है। शिक्षा के अभाव में मनुष्य नाम मात्र का रह जाता है। मनुष्य की…

विकास की अवधारणा : हिन्द स्वराज और उत्तर गांधी परिदृश्य

विकास शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थ में किया जाता है। सामान्यतः किसी भी स्थिति में बदलाव विकास कहलाता है। यह परिवर्तन की उस गति को दर्शाता है जिसके अन्तर्गत एक…

ग्रामीण और शहरी परिवेश के बालकों में नैतिक मूल्यों के विकास का अध्ययन (मध्य प्रदेश के नीमच जिले के विशेष सन्दर्भ में)

प्रस्तुत शोध कार्य में बालकों के संबध में नैतिक मूल्य के प्रभाव को बालक-अभिभावक सबंध से प्रभावित होने वाले कारकों के रूप में चुना गया है। वर्तमान समय मे भारतीय…

भारतीय सभ्य (नागरिक) समाज : एक कटु यथार्थ

सभ्य (नागरिक) समाज (सिविल सोसायटी) की अवधारणा विविध आयामी यथा-राजनीतिक, प्रषासनिक, सामाजिक, नैतिक एवं आर्थिक इत्यादि संदर्भों में प्रयुक्त की जाती है। तृतीयक क्षेत्रक के रूप में अभिहित सभ्य समाज…

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